दोस्तो आज हम बात करेगे हरीतकि
के बारे मे इसका लैटिन नाम TERMINALIA CHRBYLA कहते है हिन्दी मे इसे हर्रे या हरण कहते है। यह 50-80 कुट का वृक्ष होता है।
छाल गहरे भुरे रंग की पत्ती 3-8 इन्च लम्बी 2-4 इंच चौडी अण्डाकार होती है। फल 1-2
इंच लम्बा अण्डाकार कङा होता है। जिसके पृष्ठ भाग पर पाँच रेखाए होती है। व्यवहारिक
दृष्टि से यह तीन प्रकार कि होती है।
1 छोटि हर्रे 2 पिलि हर्रे 3 बङी हर्रे
यह भारत मे सर्वत्र विशेषत:
निचले हिमालय क्षेत्र मे रावि से पूर्व पश्चिम बंगाल और आसाम तक होती है। हरितकी
का परीक्षण, हरितकी ठोस अण्डाकार हो जो पानी मे डालने पर डुब जाये तथा वजन मे 20
ग्राम के हो वह हरितकी श्रेष्ठ मानी जाती है।
यह त्रिदोष हर है। विशेषत:
वात शामक है। इसका लेप सोथ (सुजन) के साथ दर्द को कम करता है यह दिपन पाचन करता है
इसका फल प्रयोग मे लाते है फल का चुर्ण बनाकर 3-6 ग्राम मात्रा उपयोग मे लाते है।
इसे गर्भवता महिलाओ को नही देना चाहिए।
दोस्तो आप को यह पोस्ट कैसी
लगी COMMENT करके जरुर बताये।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें